बालोतरा: प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट में से एक बालोतरा रिफाइनरी में मंगलवार को अचानक आग लगने की सूचना पर अफरा-तफरी मच गई। लेकिन यह कोई वास्तविक दुर्घटना नहीं, बल्कि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए की गई एक मॉक ड्रिल थी, जिसका उद्देश्य आपदा के समय एजेंसियों की तत्परता और समन्वय का आकलन करना था।
सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। ड्रिल के दौरान आग बुझाने की कार्यवाही की गई और “घायल” कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल पहुंचाया गया।
इस अभ्यास में जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे घटनाक्रम का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों से मॉक ड्रिल की प्रक्रिया और प्रभावशीलता की जानकारी ली।
मॉक ड्रिल के मुख्य उद्देश्य:
रिफाइनरी में आग लगने जैसी आपदा से निपटने की तैयारी का परीक्षण
विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का मूल्यांकन
वास्तविक आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्य की योजना बनाना