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झालावाड़ के बाद जैसलमेर में स्कूल हादसा: गेट गिरा, छात्र की दर्दनाक मौत, प्रशासन पर उठे सवाल

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राजस्थान के जैसलमेर जिले के पूनमनगर गांव में सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। गांव के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में जर्जर स्कूल गेट का पिलर अचानक गिर पड़ा, जिससे 9 वर्षीय छात्र अरबाज खान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के समय अरबाज स्कूल परिसर में अपनी बहन को लेने आया था। इसी दौरान जब वह गेट से भीतर प्रवेश कर रहा था, तभी अचानक एक पिलर भरभराकर उसके ऊपर गिर गया।

इस भीषण दुर्घटना में एक शिक्षक भी गंभीर रूप से घायल हुआ है। उनके दोनों पैरों में फ्रैक्चर हुआ है और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद राजकीय जवाहर अस्पताल रेफर किया गया है। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है, क्योंकि बताया जा रहा है कि यह स्कूल गेट तीन साल पहले एक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन इसके बाद भी उसकी मरम्मत नहीं करवाई गई।

लापरवाही या सिस्टम की हत्या?

झालावाड़ के बाद जैसलमेर में स्कूल हादसा: गेट गिरा, छात्र की दर्दनाक मौत, प्रशासन पर उठे सवाल 5

घटना के तुरंत बाद राजनीतिक गलियारों में भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद उम्मेदराम बेनीवाल ने इस हादसे को केवल “एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना” कहने से इनकार करते हुए इसे “प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की विफलता” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“अरबाज की मृत्यु एक सामान्य हादसा नहीं, बल्कि सरकार की लापरवाही और असंवेदनशील तंत्र द्वारा की गई एक सिस्टमेटिक हत्या है।”

झालावाड़ के बाद जैसलमेर में स्कूल हादसा: गेट गिरा, छात्र की दर्दनाक मौत, प्रशासन पर उठे सवाल 6

बेनीवाल ने कहा कि उन्होंने कई बार जिला परिषद और दिशा बैठक में इस तरह के जर्जर भवनों और बिजली लाइनों को लेकर अधिकारियों को चेताया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने इस हादसे की तुलना झालावाड़ में हाल ही में हुई स्कूल भवन दुर्घटना से की, जिसमें 7 बच्चों की जान चली गई थी।

पूर्व मंत्री डोटासरा का तीखा हमला

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राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस घटना पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि झालावाड़ की त्रासदी के बाद सरकार को सचेत हो जाना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्यवश कोई सीख नहीं ली गई।
“मदन दिलावर जैसे मंत्री संवेदनशील नहीं हैं, और उनके गैर-जिम्मेदाराना बयानों से पीड़ित परिवारों की पीड़ा और बढ़ जाती है,” डोटासरा ने कहा।

उन्होंने शिक्षा मंत्री से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि अगर सिस्टम में जवाबदेही तय नहीं की गई तो ऐसी घटनाएं लगातार होती रहेंगी।

शिक्षा मंत्री की सफाई और चेतावनी

वहीं, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घटना पर शोक जताते हुए कहा कि बच्चा उस स्कूल का छात्र नहीं था, वह केवल अपनी बहन को लेने आया था। उन्होंने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा –
“मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति दें।”

दिलावर ने यह भी कहा कि राज्यभर के जिला शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि बारिश के इस मौसम में सभी स्कूल भवनों की स्थिति की तत्काल समीक्षा की जाए और जहां कहीं खतरा हो, वहां त्वरित मरम्मत करवाई जाए।

यह हादसा झालावाड़ के हादसे के बाद दूसरा बड़ा स्कूली हादसा है जिसने सरकारी स्कूलों की हालत और प्रशासन की लापरवाही पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में गहरा रोष है। अभिभावकों का कहना है कि अगर सरकार बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देती तो वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरेंगे।

राजस्थान में लगातार हो रहे स्कूल हादसे सिर्फ इत्तेफाक नहीं हैं, बल्कि यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा का प्रमाण हैं। जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती और स्कूल भवनों की समयबद्ध जांच नहीं होती, तब तक ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति को रोका नहीं जा सकता। अरबाज की मौत एक दर्दनाक क्षण भर नहीं है, यह राज्य सरकार के लिए एक चेतावनी है – अब भी समय है, सुधार करिए… वरना अगली त्रासदी की जिम्मेदारी किसकी होगी?

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