जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के समीप स्थित बारामूला और सोपोर में बढ़ते तनाव के बीच प्रशासन ने एक अहम और असामान्य कदम उठाते हुए ट्रैवल कंपनियों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और स्कूलों को अपनी बसें तत्काल प्रभाव से बारामूला के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में भेजने का आदेश जारी किया है। प्रशासन का लक्ष्य 500 से अधिक वाहनों को एकत्र कर उन्हें सीमावर्ती इलाकों में आवश्यकतानुसार तैनात करना है।
आदेश का पालन न करने पर वाहन रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी
बारामूला जिले के असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (ARTO) की ओर से जारी आदेश में आधा दर्जन से अधिक स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी स्कूल बसों को एक घंटे के भीतर निर्धारित स्थल—गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज बारामूला—में भेजें। इसके साथ ही स्कूल प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक भेजे गए वाहन की जानकारी, ड्राइवर का नाम और उसका मोबाइल नंबर भी ARTO कार्यालय (मुख्यालय: सोपोर) को तुरंत उपलब्ध कराएं।
इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिला प्रशासन और ARTO विभाग के साथ उचित समन्वय बनाए रखना अनिवार्य है। कोई भी लापरवाही गंभीर रूप से ली जाएगी, और यदि कोई संस्था या व्यक्ति आदेशों का पालन नहीं करता है तो उनके वाहन का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) बिना पूर्व सूचना के रद्द किया जा सकता है।
उत्तरी कश्मीर में तैयारियों का बढ़ता स्तर, LoC से सटी संवेदनशीलता बढ़ी
सूत्रों के अनुसार, यह कदम सीमावर्ती क्षेत्रों में संभावित आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी संख्या में वाहनों को एकत्रित करना इस ओर इशारा करता है कि सीमा पर हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हैं और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने की कवायद चल रही है।
विश्वविद्यालयों ने स्थगित की परीक्षाएं, शिक्षा व्यवस्था पर असर
सीमा पर बढ़ते तनाव और प्रशासनिक तैयारियों का असर अब शिक्षा क्षेत्र पर भी साफ दिखाई देने लगा है। कश्मीर विश्वविद्यालय (KU) ने 10 मई तक आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। इसी क्रम में, श्रीनगर स्थित क्लस्टर विश्वविद्यालय (CU) ने भी 8 मई को निर्धारित सभी परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है। छात्रों को फिलहाल नई तारीखों की प्रतीक्षा करने को कहा गया है।
जनता में असमंजस, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क
स्थानीय नागरिकों में इस अचानक उठाए गए कदम को लेकर चिंता और असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। कई लोगों का मानना है कि यह प्रशासनिक कदम किसी बड़ी गतिविधि या ऑपरेशन की तैयारी का हिस्सा हो सकता है, हालांकि अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बारामूला और सोपोर में इस प्रकार की सक्रिय तैयारियों से साफ है कि प्रशासन किसी भी स्थिति के लिए पूर्ण रूप से सतर्क है। स्कूल बसों और सार्वजनिक वाहनों की तैनाती का निर्णय आपात स्थिति से निपटने की दिशा में उठाया गया एक एहतियाती कदम हो सकता है। आने वाले कुछ दिन सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए अहम साबित हो सकते हैं। प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों से यह भी स्पष्ट होता है कि इस बार आदेश की अवहेलना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।