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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की उड़ान: पोकरण में स्वदेशी ‘रुद्रास्त्र’ UAV का सफल परीक्षण, भारत की सैन्य शक्ति को मिली नई धार

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भारत की सैन्य ताकत को और अधिक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। 11 जून 2025 को राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित परमाणु नगरी पोकरण की फील्ड फायरिंग रेंज में देश के पहले अत्याधुनिक हाइब्रिड VTOL (Vertical Take-Off and Landing) UAV ‘रुद्रास्त्र’ का सफल परीक्षण किया गया। इस स्वदेशी मानवरहित हवाई वाहन को सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने डिजाइन और विकसित किया है, जो भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

इस परीक्षण को भारतीय सेना और रक्षा विशेषज्ञों की निगरानी में पूर्ण रूप से सफल घोषित किया गया। रुद्रास्त्र UAV ने न केवल अपनी परिचालन क्षमताओं को प्रमाणित किया बल्कि उन अत्याधुनिक तकनीकों का भी प्रदर्शन किया, जिनकी भारत जैसे विशाल और विविध भौगोलिक परिस्थितियों वाले देश को अत्यंत आवश्यकता है। परीक्षण के परिणामों ने यह भी सिद्ध किया कि यह UAV आधुनिक युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

क्या है ‘रुद्रास्त्र’ और क्यों है यह खास?

‘रुद्रास्त्र’ एक अत्याधुनिक हाइब्रिड VTOL UAV है, जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सीमावर्ती इलाकों, दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों, और मैदानों में बिना किसी रनवे के सीधे ऊपर उड़ान भर सकता है और उसी तरह लैंड भी कर सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन मिशनों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जहां पारंपरिक विमानों की पहुंच मुश्किल होती है।

इस UAV की सबसे बड़ी ताकत है इसकी दूरी तक संचालन की क्षमता और मिशन की बहुमुखी उपयोगिता। यह ड्रोन एक बार उड़ान भरने के बाद लगभग 1.5 घंटे तक लगातार हवा में रह सकता है, जो लंबी अवधि के निगरानी अभियानों के लिए इसे बेहद उपयोगी बनाता है।

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प्रमुख तकनीकी विशेषताएं:

हाइब्रिड VTOL टेक्नोलॉजी: उड़ान भरने और लैंडिंग के लिए रनवे की आवश्यकता नहीं।

लंबी ऑपरेशन रेंज: 170 किलोमीटर से अधिक की कवरेज क्षमता।

मिशन रेंज: 50 किमी से अधिक दूरी तक सटीक लक्ष्य पर निगरानी और हमला।

उच्च गुणवत्ता वाला रियल-टाइम वीडियो लिंक: ड्रोन के माध्यम से ऑपरेटर को लक्ष्य का सजीव दृश्य मिलता है, जिससे निर्णय लेने में तेजी आती है।

सटीकता की मिसाल: परीक्षण के दौरान लक्ष्य पर अचूक वार करते हुए UAV ने अपनी अपराजेय सटीकता का प्रदर्शन किया।

सुरक्षित वापसी: मिशन के अंत में ड्रोन सफलतापूर्वक अपने लॉन्च स्थल पर वापस लौट आया।

बहुउपयोगी निगरानी प्रणाली: आतंकवाद निरोधक अभियान, सीमाओं पर गश्त, और आपदा प्रबंधन के लिए उपयुक्त।

भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम

रुद्रास्त्र UAV का सफल परीक्षण भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकों की नई क्रांति का प्रतीक बन गया है। यह केवल एक ड्रोन नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीतिक सोच का मूर्त रूप है। यह भारतीय सेना को सीमाओं की निगरानी करने, घुसपैठ को रोकने, और आपदा जैसे हालात में राहत पहुंचाने के लिए एक नया तकनीकी हथियार देता है। इसकी बहुउद्देश्यीय क्षमता इसे एक ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ बनाती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि रुद्रास्त्र का उपयोग सीमाई इलाकों के अतिरिक्त, शहरी सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान, और समुद्री तटों की निगरानी में भी अत्यंत प्रभावी साबित हो सकता है।

पोकरण से निकली नई ऊर्जा

पोकरण, जो पहले भारत के परमाणु परीक्षणों के लिए जाना जाता था, अब ड्रोन तकनीक की नई दिशा में देश को ले जाने का केंद्र बन चुका है। रुद्रास्त्र का यह सफल परीक्षण आने वाले वर्षों में भारतीय सेना की तकनीकी क्षमताओं में जबरदस्त उछाल लाने वाला है।

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