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बालोतरा में मनाया हरियाली अमावस्या पर्वबुजुर्गों ने परंपरागत रस्मों के बीच बारिश और फसलों का पूर्वानुमान लगाया

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बालोतरा में हरियाली अमावस्या का पर्व इस वर्ष भी परंपरागत रीति-रिवाजों, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। समाज के विभिन्न वर्गों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया, जिसमें माली समाज भवन, प्रजापत समाज भवन सहित कई प्रमुख स्थानों पर भव्य आयोजन हुए। इस पावन अवसर पर लोगों ने एकत्रित होकर परंपरागत रस्मों का पालन किया और पर्यावरण संरक्षण तथा आपसी भाईचारे का संदेश दिया।

सुबह से ही समाज के सदस्य पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे समाज भवनों में एकत्रित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजन विधि के साथ की गई। वरिष्ठजनों ने हरियाली अमावस्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह पर्व धरती माता, वृक्षों और प्रकृति की आराधना का पर्व है। यह दिन विशेष रूप से किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह वर्षा ऋतु के आगमन और नई फसल के शुभ संकेत का प्रतीक है।

शगुन की रस्में और परंपराओं का निर्वहन
समाज के बुजुर्गों और महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से शगुन की रस्में निभाईं। फसलों की संभावनाओं का अनुमान लगाने के लिए विशेष अनुष्ठान किए गए। बड़ी श्रद्धा से की गई पूजा के दौरान सबने अच्छी वर्षा और भरपूर फसल की कामना की। बच्चों और युवाओं ने भी बड़े उत्साह से आयोजन में भाग लिया, जिससे कार्यक्रम में नई ऊर्जा का संचार हुआ।

युवाओं को परंपराओं से जोड़ने का आह्वान
समाज के वरिष्ठजनों ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते समय में हमारी संस्कृति और परंपराएं ही हमारी असली पहचान हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे आधुनिकता के साथ-साथ अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें। हरियाली अमावस्या जैसे पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण का संदेश भी देते हैं।

पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए वृक्षारोपण और जल संरक्षण जैसे कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरियाली अमावस्या का पर्व हमें सिखाता है कि प्रकृति के संरक्षण के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने का संकल्प भी लिया।

भंडारे और प्रसाद वितरण के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन सामूहिक भोज और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर एक-दूसरे को हरियाली अमावस्या की शुभकामनाएं दीं। लोगों ने एक साथ मिलकर अच्छी वर्षा, क्षेत्र की समृद्धि और सुख-शांति के लिए प्रार्थना की। समाज भवनों में देर शाम तक रौनक और मेलजोल का माहौल बना रहा।

समाज की एकता और उल्लास का प्रतीक
हरियाली अमावस्या का यह आयोजन बालोतरा में समाज की एकता, परंपराओं के प्रति सम्मान और भविष्य के प्रति आशावाद का प्रतीक बनकर उभरा। बुजुर्गों की सीख और युवाओं की उमंग ने आयोजन को खास बना दिया। लोगों का कहना था कि ऐसे आयोजन हमें हमारी मिट्टी से जोड़े रखते हैं और सामाजिक एकजुटता को मजबूती प्रदान करते हैं।

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