राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद (RAS Association) ने जैसलमेर के जिलाधिकारी प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। परिषद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक औपचारिक पत्र लिखा है, जिसमें जिलाधिकारी पर वरिष्ठ आरएएस अधिकारियों के साथ बार-बार दुर्व्यवहार करने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है।
परिषद द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रताप सिंह ने अपने अधीनस्थ आरएएस अधिकारियों के साथ कई बार अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उनसे गैरकानूनी अथवा प्रशासनिक मानकों के खिलाफ काम करने का दबाव डाला। परिषद ने 3 अप्रैल और अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि जिलाधिकारी ने कई बैठकों के दौरान अधिकारियों की योग्यता और कार्यशैली पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।
प्रभजोत सिंह गिल का मामला
पत्र के अनुसार, उपखंड अधिकारी (एसडीओ) के पद पर पोकरण में तैनात आरएएस अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल का हाल ही में मुंडावा तबादला कर दिया गया। परिषद का आरोप है कि जिलाधिकारी ने गिल पर एक निजी वित्तीय कंपनी और एक सोलर टावर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का दबाव डाला था। साथ ही, पिछली बैठक में उनकी योग्यता पर भी सवाल उठाए थे, जिससे अधिकारियों में असंतोष व्याप्त है।
इसी तरह, उपनिवेशन विभाग में सेवारत अधिकारी मुकेश कुमार के बारे में भी जिलाधिकारी द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। परिषद का कहना है कि अप्रैल में इस संबंध में औपचारिक शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
हड़ताल की चेतावनी
परिषद ने पत्र में चेतावनी दी है कि यदि जिलाधिकारी प्रताप सिंह को तत्काल पद से नहीं हटाया गया और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रदेश के समस्त आरएएस अधिकारी हड़ताल पर जाने को विवश होंगे।
सरकार की अगली कार्रवाई पर नजरें टिकीं
इस घटनाक्रम के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राज्य सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।