बालोतरा जिले के डोली गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 11 महीने पहले ब्याही गई 22 वर्षीय नवविवाहिता खुशबू कंवर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। वह अपने कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली। हालांकि, मृतका के पिता गंगासिंह राजपुरोहित ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए हत्या का गंभीर आरोप लगाया है।
गंगासिंह का कहना है कि उनकी बेटी खुशबू को मारकर फंदे पर लटका दिया गया है और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। उन्होंने दावा किया कि खुशबू के गले, मुंह, पेट, घुटनों के पास और आंखों के आसपास चोट के साफ निशान हैं, जो वीडियो और तस्वीरों में भी देखे जा सकते हैं।
पीहर पक्ष को नहीं दी गई सूचना, कर दिया अंतिम संस्कार
खुशबू कंवर की शादी 11 जुलाई 2024 को डोली निवासी भोमसिंह राजपुरोहित से हुई थी। भोमसिंह अपने बड़े भाई के साथ हनुमानगढ़ जिले के रावतसर कस्बे में मिठाई की दुकान चलाते हैं। खुशबू भी वहीं रहती थी।
पिता गंगासिंह ने बताया कि 16 जून 2025 को बेटी संदिग्ध हालत में रावतसर स्थित मकान में फंदे पर लटकी मिली। इसके बाद बिना सूचना दिए बालोतरा के डोली गांव लाया गया 17 जून को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गंगासिंह को घटना की जानकारी अंतिम संस्कार के दिन दी गई और उन्हें उनके कुछ परिवार जन को बुलाकर बिना पोस्टमार्टम किए जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करवा दिया गया
एक ही घर में दो बेटियों की शादी, चुप नहीं रह सके
गंगासिंह ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी निरमा की शादी भी इसी घर में नारायणसिंह के बड़े बेटे से हुई थी। उन्होंने पहले यह सोचकर चुप रहना चाहा कि बड़ी बेटी का ससुराल न बिगड़े, लेकिन फिर छोटी बेटी के साथ हुए अन्याय को लेकर वह चुप न रह सके। उन्होंने गांव से ग्रामीणों को इकट्ठा कर बस के जरिए डोली गांव पहुंचे
बेटी की मौत पर सवाल उठाते हुए गंगासिंह बोले
अगर मेरी बेटी ने आत्महत्या की होती तो शरीर पर चोट के इतने निशान क्यों होते? गले पर कसाव, आंखों के नीचे सूजन, और मुंह पर चोटें ये सब इस बात का इशारा करते हैं कि उसकी मौत सामान्य नहीं है। मेरी बेटी को बुरी तरह मारा गया है।
पीड़ित परिवार की स्थिति
गंगासिंह राजपुरोहित, धर्मधारी गांव निवासी हैं। उनके परिवार में पांच बेटियां और एक 17 वर्षीय बेटा है। खुशबू तीसरे नंबर पर थी और उसने बीए तक की पढ़ाई की थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। गंगासिंह गाजण माता मंदिर के बाहर चाय का छोटा सा केबिन चलाकर अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं।
पिता और ग्रामीणों की मांग है कि खुशबू कंवर की मौत की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
खुशबू के इंसाफ के लिए
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