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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और सेना के सम्मान में बालोतरा में निकली ऐतिहासिक तिरंगा रैली, शहर हुआ देशभक्ति के रंग में रंगा

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राजस्थान के बालोतरा शहर ने रविवार को एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब भारतीय सेना के अदम्य साहस और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के सम्मान में एक भव्य तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। यह रैली न केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन थी, बल्कि एक जन-जागरण का स्वरूप लेकर आई, जिसने पूरे शहर को देशभक्ति के रंग में सराबोर कर दिया।

रैली की शुरुआत प्रेमानंद आश्रम, संत हरिदास सर्कल से हुई। देशभक्ति से ओतप्रोत इस रैली में हजारों की संख्या में नागरिकों, महिलाओं, युवाओं, संतों और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई शहीद स्मारक तक पहुंची, जहां वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर कार्यक्रम का समापन हुआ।

रैली से पहले आयोजित जनसभा में राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल, पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह जसोल, भाजपा जिलाध्यक्ष भरत मोदी सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सभी नेताओं ने एक सुर में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को देश के लिए गर्व का क्षण बताते हुए भारतीय सेना के पराक्रम को नमन किया।

वक्ताओं ने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल दुश्मनों के खिलाफ एक सैन्य सफलता है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता, रणनीतिक शक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी है।

 देशभक्ति की लहर हर गली-मोहल्ले में

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रैली का मार्ग पुराना पादरू बस स्टैंड, कचहरी रोड, गोर का चौक, शास्त्री सर्कल, पुराना बस स्टैंड, द्वितीय रेलवे क्रॉसिंग तथा खेड़ रोड से होते हुए शहीद स्मारक तक रहा। रास्ते भर लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम्, जय हिंद जैसे जोशीले नारों के साथ रैली का स्वागत किया।

शहरवासियों ने घरों की छतों से तिरंगे लहराकर, फूलों की वर्षा कर और जलपान की व्यवस्था कर रैली का अभिनंदन किया। हर गली, हर चौराहा देशभक्ति की लहर में डूबा नजर आया।

मातृशक्ति की सक्रिय भागीदारी: प्रेरणा की मिसाल

इस रैली की विशेष बात रही मातृशक्ति की उत्साहजनक भागीदारी। महिलाओं और बालिकाओं ने हाथों में तिरंगे लेकर देशभक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए रैली में भाग लिया। सफेद परिधान, केसरिया दुपट्टे और भारत माता की जय के नारे लगाती स्त्रियां इस आयोजन की आत्मा बन गईं।

यह भागीदारी यह संदेश देती है कि आज की भारतीय नारी केवल घर की सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि: मौन में भी गूंजता राष्ट्रप्रेम

रैली का समापन शहीद स्मारक पर हुआ, जहां सभी प्रतिभागियों ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुष्पांजलि के साथ दो मिनट का मौन रखकर उन रणबांकुरों को स्मरण किया गया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

यह दृश्य अत्यंत भावुक करने वाला था जब बूढ़े, बच्चे, महिलाएं और युवा सभी एक साथ झुके और हृदय से अपने सच्चे वीरों को नमन किया।

इस आयोजन ने स्पष्ट कर दिया कि बालोतरा न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से समृद्ध शहर है, बल्कि देश की अखंडता, एकता और सैनिकों के बलिदान को समझने और सम्मान देने वाला संवेदनशील नगर भी है।

रैली ने हर नागरिक को यह संदेश दिया कि सेना का सम्मान केवल सीमा पर खड़े जवानों का ही नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने भारतीय सेना की सशक्त छवि को और दृढ़ किया है और बालोतरा ने इस जश्न को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया।

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