जैसलमेर जिले के झिनझिनयाली गांव में घटित भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। 22 अप्रैल की रात लगभग आठ बजे झिनझिनयाली-फतेहगढ़ सड़क मार्ग पर हुए इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्यों – गोवर्धनसिंह, उनकी पत्नी पारस कंवर और एक वर्षीय बेटे प्रदीप – की असामयिक मौत हो गई। हादसे के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और हर चेहरा गमगीन नजर आ रहा है।
कैसे हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, झिनझिनयाली निवासी गोवर्धनसिंह अपने भाई नवगणसिंह, पत्नी पारस कंवर, दो बेटों और भतीजे रणवीरसिंह के साथ निजी वाहन से बाड़मेर से अपने गांव लौट रहे थे। हराणियों की ढाणी के पास सामने से तेज गति में आ रही एक पिकअप ने गलत साइड से आकर उनकी कार को भीषण टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गोवर्धनसिंह की गाड़ी पिकअप के नीचे दब गई।
दुर्घटना स्थल पर चीख-पुकार मच गई। राहगीरों और आसपास के ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद घायलों को वाहन से बाहर निकाला। मौके पर ही पारस कंवर की मौत हो गई थी, जबकि अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए झिनझिनयाली पीएचसी पहुंचाया गया। स्थिति गंभीर देखते हुए गोवर्धनसिंह, नवगणसिंह, रणवीरसिंह और एक वर्षीय प्रदीप को बाड़मेर जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां से उन्हें जोधपुर एम्स भेज दिया गया।
इलाज के दौरान एक के बाद एक टूटीं सांसें
जोधपुर एम्स अस्पताल में भर्ती कराए गए घायलों में से गोवर्धनसिंह ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिवार पर गम का पहाड़ अभी पूरी तरह टूटा भी नहीं था कि शनिवार को एक साल के मासूम प्रदीप ने भी इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। इस हृदय विदारक हादसे ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।
गांव में पसरा मातम, बुझ गए घर के चिराग
हादसे के बाद झिनझिनयाली गांव शोक में डूब गया। गोवर्धनसिंह की पत्नी और पुत्र की एक साथ उठी अर्थियों ने पूरे गांव की आंखें नम कर दीं। कई घरों में दो दिनों तक चूल्हे तक नहीं जले। गोवर्धनसिंह सीमाजन कल्याण समिति झिनझिनयाली के सहमंत्री थे और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से योगदान देते थे। उनकी असमय मृत्यु से क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है।
परिवार के बुजुर्ग सदस्यों की हालत बेहद खराब है। गोवर्धनसिंह के 100 वर्षीय बुजुर्ग दादी गैर कंवर इस गहरे दुख से स्तब्ध हो गई हैं और सदमे में पथरा सी गई हैं। वहीं, उनके पिता सबल सिंह (70) और मां हवा कंवर (65) भी बेटे, बहू और पोते के चले जाने से गहरे सदमे में हैं। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद से परिवार वालों के गले से निवाला तक नीचे नहीं उतर रहा है।
समाज और प्रशासन से मांग
गांववासियों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही, मृतक परिवार को सरकारी सहायता मुहैया कराने की भी मांग उठाई गई है।
एक हादसा, अनगिनत आंसू
22 अप्रैल की रात हुआ यह हादसा न केवल एक परिवार को उजाड़ गया, बल्कि पूरे झिनझिनयाली क्षेत्र को शोकसंतप्त कर गया। जो परिवार कभी खुशियों से भरा था, आज वहां केवल सन्नाटा और आंसू बचे हैं। इस दुर्घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि सड़क पर थोड़ी सी लापरवाही कितने जीवन बर्बाद कर सकती है। गांव के हर व्यक्ति की जुबान पर अब बस एक ही बात है “काश! यह हादसा न हुआ होता।”