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विमान हादसे में जोधपुर की बेटी खुशबू की मौत: शव पहुंचा खाराबेरा गांव, रो पड़ा सारा माहौला, कुदरत भी बरसी अश्रु रूप में

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अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई। इस दिल दहला देने वाले विमान हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि एकमात्र यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया। हादसे के बाद शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिए की गई। रविवार को मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपे गए।

रविवार को जब खुशबू का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच उसके ससुराल खाराबेरा

इसी विमान में सवार थी जोधपुर की बेटी, खुशबू राजपुरोहित, जो शादी के बाद पहली बार अपने पति से मिलने लंदन जा रही थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अहमदाबाद हादसे ने खुशबू के सपनों को वहीं मलबे में दफना दिया। चार महीने पहले ही उसकी शादी लंदन में नर्सिंग ऑफिसर पद पर कार्यरत विपुल राजपुरोहित से हुई थी।

परिजनों की चीखें पूरे गांव में गूंजने लगीं।

रविवार को जब खुशबू का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच उसके ससुराल खाराबेरा पुरोहितान (जोधपुर) पहुंचा, तो माहौल गमगीन हो गया। घर के बाहर जैसे ही एंबुलेंस रुकी, कोहराम मच गया। मां-बाप, भाई और परिजनों की चीखें पूरे गांव में गूंजने लगीं। हर आंख नम थी, हर दिल दर्द से भरा।

खुशबू का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच उसके ससुराल खाराबेरा

गांव में सुबह से ही लोग दुकानें बंद कर, भूखे-प्यासे उसके अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहे थे। जिस बेटी को कुछ ही महीनों पहले विदा किया था, आज उसे तिरंगे में लिपटे शव के रूप में देखकर हर शख्स टूट गया। गांव के सैकड़ों लोग, रिश्तेदार और क्षेत्रीय नेता अंतिम विदाई देने पहुंचे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

तिरंगे में लिपटे शव के रूप में देखकर हर शख्स टूट गया

गांव वालों की आंखों में सिर्फ एक ही बात थी—”हमारी समाज की होनहार बेटी अब हमारे बीच नहीं रही।” खुशबू का सपना था पति के साथ लंदन में एक नई जिंदगी शुरू करने का, लेकिन वह सपना एक भयावह हादसे में चूर-चूर हो गया।

सबसे भावुक पल तब आया, जब अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच बारिश की बूंदें गिरने लगीं। मानो कुदरत भी इस असमय बिछड़ने का शोक मना रही हो। बूंद-बूंद बारिश उस मातम में शामिल हो रही थी, जैसे आसमान भी अपने आंसू नहीं रोक सका।

अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच बारिश की बूंदें गिरने लगीं। मानो कुदरत भी इस असमय बिछड़ने का शोक मना रही
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