बालोतरा। निकटवर्ती पाटोदी महाविद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर छात्र-छात्राओं में गहरा आक्रोश है। कॉलेज की स्थापना को पांच वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, बावजूद इसके आज भी यहां कई आवश्यक संसाधनों का घोर अभाव है।
कॉलेज भवन तो वर्षों पूर्व तैयार हो चुका, लेकिन अब तक इसकी चारदीवारी नहीं बन पाई है। इससे न केवल परिसर असुरक्षित बना हुआ है, बल्कि मैदान में चारों ओर कचरा फैला हुआ है। कॉलेज का स्थान कस्बे से दूर और जंगल के नजदीक होने के कारण छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
सुविधाओं का टोटा, छात्र जमीन पर बैठने को मजबूर
कॉलेज में 600 सीटों की स्वीकृति के बावजूद केवल 300 छात्रों के लिए ही फर्नीचर उपलब्ध है। बाकी छात्र-छात्राओं को फर्श पर बैठकर अध्ययन करना पड़ रहा है। कंप्यूटर, प्रिंटर और बायोमेट्रिक मशीन जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियों और अन्य लाभों से वंचित होना पड़ रहा है। बिजली से संबंधित कार्य भी अधूरे पड़े हैं।
ABVP नेताओं का प्रशासन पर आरोप
ABVP के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य बालाराम प्रजापत ने कहा, “सरकारें केवल झूठे वादे कर रही हैं। धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के साथ यह अन्याय है। जिम्मेदार आखिर मौन क्यों हैं?”
नगर मंत्री दिनेश प्रजापत ने कहा कि कॉलेज कार्यालय में आवश्यक उपकरणों की कमी के चलते छात्र सामाजिक कल्याण विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
छात्र प्रतिनिधि शंकर प्रजापत ने कहा कि अधूरी सुविधाओं के कारण छात्र मानसिक रूप से भी परेशान हैं। फर्नीचर की भारी कमी है और कई छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।
पूर्व नगर मंत्री अरविंद दर्जी ने कहा कि चारदीवारी नहीं होने के कारण मैदान में गंदगी का अंबार है। कॉलेज बाजार से दूर और घने क्षेत्र में स्थित है। अगर सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रशासन की चुप्पी चिंता का विषय
स्थानीय छात्र संगठनों और जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार कॉलेज की बदहाल स्थिति की जानकारी प्रशासन को दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। छात्रों और अभिभावकों ने जल्द समाधान की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।