झालावाड़। जिले के मनोहरथाना क्षेत्र स्थित पिपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में बड़ा हादसा हो गया। सुबह करीब 8:30 बजे जब बच्चे रोज़ की तरह विद्यालय पहुंचे और प्रार्थना सभा के लिए एकत्रित हो रहे थे, तभी अचानक स्कूल भवन के एक कक्ष की छत भरभराकर ढह गई। हादसे में पांच बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक छात्र घायल हुए हैं, जिनमें 11 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का विषय बन गई है।
19 छात्र मलबे में दबे, स्थानीय लोगों ने दिखाया साहस
छत गिरने के साथ ही कक्षा में अफरा-तफरी मच गई। उस समय कक्षा में कुल 19 छात्र मौजूद थे जो सीधे मलबे के नीचे दब गए। हादसे की आवाज़ सुनते ही आसपास के ग्रामीण, विद्यालय स्टाफ और शिक्षक तुरंत बचाव कार्य में जुट गए। बिना किसी देरी के बच्चों को मलबे से एक-एक कर निकालने का प्रयास शुरू हुआ। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन के पहुंचने से पहले ही बहादुरी दिखाते हुए कई बच्चों को मलबे से बाहर निकाला।
प्रशासन हरकत में आया, गंभीर घायलों को जिला अस्पताल किया गया रेफर
हादसे की सूचना मिलते ही दांगीपुरा थाना पुलिस, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। एएसआई अब्दुल हकीम ने पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक बच्चों की उम्र 14 से 16 वर्ष के बीच है। प्राथमिक उपचार के लिए सभी घायलों को मनोहरथाना के सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने 4 बच्चों को मृत घोषित कर दिया। बाद में एक और छात्र की मौत की पुष्टि हुई। गंभीर रूप से घायल 8 छात्रों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना की
पुरानी इमारत और बारिश बनी मौत की वजह
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण स्कूल भवन की छत काफी कमजोर हो चुकी थी। लंबे समय से इस भवन की मरम्मत नहीं की गई थी, जिससे उसकी स्थिति जर्जर हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार विद्यालय प्रशासन और पंचायत से भवन की स्थिति को लेकर शिकायत की थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्कूल हादसे में दुख जताया। हादसे की जांच के निर्देश दिए
शिक्षा मंत्री ने जताया दुख, जांच के आदेश
घटना के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी गहन जांच कराई जाएगी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए स्कूल भवनों की सुरक्षा जांच का भी आदेश दिया जाएगा।
गांव में पसरा मातम, शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
पिपलोदी गांव और आसपास के इलाकों में इस हादसे से मातम पसरा हुआ है। स्कूल के बाहर परिजन, ग्रामीण और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं। घायल बच्चों के इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर क्यों बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकारी स्तर पर इतनी लापरवाही बरती जा रही है?