राजस्थान के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर जोधपुर के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यहां लगभग 480 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन नया एयरपोर्ट टर्मिनल इस साल दिवाली तक जनता के लिए तैयार हो सकता है। यह न सिर्फ शहर के हवाई संपर्क को मजबूती देगा, बल्कि पश्चिमी राजस्थान को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और सशक्त स्थिति दिलाने में मदद करेगा।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का हाल ही में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दौरा किया। जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचकर उन्होंने निर्माणाधीन टर्मिनल भवन का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। टर्मिनल के निर्माण की गति और गुणवत्ता से संतुष्ट नजर आए मंत्री ने इसे तीन दशक से अधूरे पड़े सपने की पूर्णता बताया।
जोधपुरी पहचान और विश्वस्तरीय सुविधाओं का संगम
यह नया टर्मिनल भवन अपनी डिजाइन में स्थानीय वास्तुकला और आधुनिकता का मेल होगा। गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि भवन में जोधपुरी छीतर पत्थर का विशेष उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह संरचना सांस्कृतिक तौर पर भी एक विशिष्ट पहचान रखेगी। साथ ही, इसमें यात्रियों के लिए वर्ल्ड क्लास सुविधाएं भी होंगी।
विकास की राह में आई रुकावटें और उनका समाधान
जोधपुर एयरपोर्ट के विस्तार में लंबे समय से दो बड़ी बाधाएं थीं —
- जमीन की कमी: एयरपोर्ट का अधिकांश हिस्सा भारतीय वायुसेना के अधिकार क्षेत्र में था, जिससे सिविल टर्मिनल का विस्तार असंभव हो गया था।
- तकनीकी सीमाएं: सीटीआई-3 सिक्योरिटी सिस्टम और ऑटोमैटिक लैंडिंग जैसी आधुनिक तकनीकों की अनुपलब्धता के चलते विमानों का रात में उतरना संभव नहीं था।
इन दोनों समस्याओं को दूर करने में पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अहम भूमिका रही। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर, मनोहर पर्रिकर ने राज्य सरकार, नगर निगम और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर समाधान निकालते हुए 37 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई। इससे परियोजना को विस्तार का मार्ग मिल गया।
शहर की अर्थव्यवस्था और शिक्षा को मिलेगा नया आयाम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह टर्मिनल न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि जोधपुर के व्यावसायिक और शैक्षिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शहर में हैंडीक्राफ्ट, स्टील, टेक्सटाइल, पत्थर, रसायन और इंजीनियरिंग जैसे उद्योग हैं, जिनके निर्यात को अब नया आयाम मिलेगा।
साथ ही, जोधपुर में मौजूद एम्स, आईआईटी, एनएलयू, और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के कारण देशभर से छात्र यहां आते हैं, जिन्हें बेहतर हवाई संपर्क की आवश्यकता लंबे समय से थी।
आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की उम्मीद
इस टर्मिनल के चालू होने के बाद, जोधपुर से सीधे अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी की संभावनाएं भी प्रबल हो जाएंगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी इस दिशा में रणनीति बना रही है। नई तकनीकों से युक्त टर्मिनल न सिर्फ विमानों के संचालन को बेहतर बनाएगा, बल्कि रात में उड़ानों के संचालन की सुविधा भी उपलब्ध कराएगा, जिससे एयर ट्रैफिक में बढ़ोत्तरी संभव होगी।