गर्मियों के मौसम में मिलावटखोरी की संभावनाओं को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने बालोतरा शहर में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। ग्रीष्मकालीन विशेष अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारी गिरधारीराम के नेतृत्व में गठित टीम ने शहर के विभिन्न दूध डेयरी और खाद्य सामग्री विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर औचक निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने दूध, दही, घी, तेल और मसालों सहित कई रोजमर्रा की उपभोगी खाद्य सामग्रियों के नमूने लिए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी गिरधारीराम ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी के मौसम में खाद्य पदार्थों में मिलावट की आशंका अधिक होती है, जिससे आमजन की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से दूध और घी जैसे उत्पादों में मिलावट सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसी के मद्देनज़र विभाग द्वारा यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत टीम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इनमें पुरोहितों की वास रोड पर स्थित एक प्रमुख दूध डेयरी, मेघवालों की वास में संचालित डेयरी सहित कुल पाँच स्थानों पर औचक जांच की गई। निरीक्षण के दौरान टीम ने वहां उपलब्ध खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच की और संदिग्ध प्रतीत हो रहे उत्पादों के नमूने प्रयोगशाला परीक्षण हेतु संग्रहित किए।
कार्रवाई की भनक मिलते ही शहर के कई घी विक्रेताओं और खाद्य कारोबारियों में खलबली मच गई। कुछ व्यापारियों ने तो तत्काल अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए ताकि जांच से बचा जा सके। वहीं, कई दुकानदारों ने अपने स्टॉक को छुपाने की कोशिश भी की, लेकिन विभाग की सजगता के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि लिए गए सभी नमूने अब राज्य प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे, जहां उनकी वैज्ञानिक तरीके से जांच की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद यदि किसी नमूने में मिलावट पाई जाती है, तो संबंधित व्यापारी या प्रतिष्ठान के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माने से लेकर लाइसेंस रद्द करने और न्यायिक कार्यवाही तक के प्रावधान शामिल हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के औचक निरीक्षण आगे भी लगातार जारी रहेंगे, ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा सके। विभाग की यह कार्रवाई आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।