सोशल मीडिया पर इन दिनों एक बार फिर भ्रम फैलाने वाली खबरों का दौर जारी है। सोमवार शाम से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र के नाम एक आपातकालीन संबोधन देने वाले हैं। इस मैसेज को लेकर आम जनता में काफी बेचैनी और चर्चा का माहौल बन गया है। कई लोगों ने इस खबर को सच मानकर आशंका जाहिर की कि देश में कोई बड़ा ऐलान या आपात स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
हालांकि जब इसकी सच्चाई की पड़ताल की गई तो साफ हो गया कि यह पूरी तरह फर्जी और भ्रामक खबर है, जिसका कोई आधिकारिक आधार नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की ओर से इस संबंध में कोई भी सूचना जारी नहीं की गई है। न ही प्रधानमंत्री मोदी का आज रात किसी प्रकार का आधिकारिक या औपचारिक राष्ट्र के नाम संबोधन निर्धारित है।
क्या है वायरल मैसेज में?
वायरल मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 6 मई को रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे और कोई “बड़ा ऐलान” करेंगे। इस संदेश के साथ ही कुछ पुराने वीडियो क्लिप भी शेयर किए जा रहे हैं, जिससे इसे सच्चा साबित करने की कोशिश की जा रही है। कई लोगों ने इन संदेशों को बिना पुष्टि किए ही फॉरवर्ड कर दिया, जिससे यह झूठी खबर और अधिक फैल गई।
अफवाहों की असल वजह क्या है?
जानकारी के मुताबिक, इस तरह की अफवाह फैलने के पीछे एक हालिया सरकारी आदेश को जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने 5 मई को देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 7 मई को एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह मॉक ड्रिल हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जा रही है।
इस आदेश के सामने आने के बाद कई लोगों ने इसे आपात स्थिति की तैयारी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया और अफवाह उड़ा दी कि प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित करेंगे। जबकि सच्चाई यह है कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिर्फ आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा करना है, न कि किसी आपात स्थिति की घोषणा।
क्या होगा मॉक ड्रिल में?
7 मई को होने वाली इस मॉक ड्रिल में कई गतिविधियाँ शामिल होंगी:
देश के विभिन्न शहरों में एयर रेड सायरन बजाए जाएंगे ताकि लोगों को आपातकालीन संकेतों की पहचान हो सके।
स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में निकासी अभ्यास (Evacuation Drill) आयोजित किए जाएंगे।
नागरिकों को सिविल डिफेंस ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे आपात स्थिति में कैसे व्यवहार करें, यह सीख सकें।
ब्लैकआउट (बिजली बंदी) और आवश्यक प्रतिष्ठानों को ढंकने या छुपाने का अभ्यास किया जाएगा।
राज्यवार निकासी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी ताकि किसी भी संकट की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
गौरतलब है कि यह मॉक ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार इतनी बड़ी राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जा रही है।
सरकार की अपील— केवल आधिकारिक जानकारी पर ही करें भरोसा
सरकार और संबंधित एजेंसियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों, जैसे कि प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो, या समाचार एजेंसियों से मिली जानकारी पर ही विश्वास करें। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अपुष्ट और भ्रामक जानकारियाँ न केवल समाज में अनावश्यक डर और तनाव फैलाती हैं, बल्कि देश की आंतरिक शांति और सुरक्षा को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
सोशल मीडिया के इस दौर में अफवाहें तेजी से फैलती हैं और उन्हें सच मान लेना बहुतों के लिए स्वाभाविक हो जाता है। लेकिन ज़रूरत इस बात की है कि हम जिम्मेदार नागरिक बनें, हर खबर की जांच करें और बिना पुष्टि किए उसे आगे न बढ़ाएं। प्रधानमंत्री मोदी के रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करने की खबर पूरी तरह झूठी है और इसका मकसद सिर्फ लोगों में भ्रम फैलाना है। सरकार पूरी तरह सतर्क है और किसी भी आपात स्थिति की कोई सूचना नहीं है। ऐसे में हमें संयम और सतर्कता दोनों बरतनी चाहिए।