मध्यप्रदेश के नीमच जिले के कछाला गांव में जैन साधुओं पर हुए कायराना हमले के विरोध में बालोतरा जैन समाज ने रविवार को एक विशाल मौन रैली का आयोजन किया। इस मौन रैली में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और युवा सम्मिलित हुए। रैली श्री ओसवाल समाज बालोतरा के तत्वावधान में आयोजित की गई और इसके माध्यम से राष्ट्रपति भारत गणराज्य, गृह मंत्री भारत सरकार तथा मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश सरकार के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया।
रैली शांतिपूर्ण ढंग से शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुज़री और इसमें भाग लेने वाले सभी लोग मौन धारण किए हुए थे, जिससे यह प्रदर्शन और भी प्रभावशाली बना। ज्ञापन के माध्यम से जैन समाज ने हाल ही में हुई इस अमानवीय घटना की तीव्र भर्त्सना की और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग रखी।
जैन नवयुवक मंडल के अध्यक्ष पवन बाफना ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत दिनों जैन साधुश्री बलभद्र मुनि, श्री शैलेष मुनि और श्री सुनीन्द्र मुनि जब नीमच जिले के सिंगली गांव के पास कछाला गांव में रात्रि विश्राम कर रहे थे, तब कुछ असामाजिक तत्वों ने शराब के नशे में मंदिर में प्रवेश कर गाली-गलौच की, पैसों की मांग की और संतों पर निर्ममता से हमला कर दिया। इस हमले में संतों को गंभीर चोटें आईं और जैन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया।
पवन बाफना ने आगे कहा कि जैन धर्म मूलतः अहिंसा, क्षमा और संयम पर आधारित है। हमारे संत-साध्वी नंगे पांव देशभर में पदयात्रा कर धर्म का प्रचार करते हैं और समाज को नैतिकता, शांति और करुणा की राह दिखाते हैं। ऐसे संतों पर हमला समूचे समाज की आत्मा पर आघात के समान है। यह केवल जैन समाज का मामला नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए एक चेतावनी है।
इस घटना के बाद जैन समाज सहित विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों की मांग पर प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की, जिसके लिए समाज ने आभार भी प्रकट किया। बावजूद इसके, जैन समाज की यह मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए और जैन साधु-साध्वियों की सुरक्षा को लेकर ठोस व्यवस्था करनी चाहिए।