पचपदरा रिफाइनरी में डेढ़ महीने पूर्व सनसनी फैलाने वाला पैंथर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सोमवार शाम करीब 6 बजे कल्याणपुर उपखंड के ग्राम पंचायत रोडवा कला में यह पैंथर फिर से दिखाई दिया, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार, पैंथर सबसे पहले गांव के ही कलाराम भील के कच्चे मकान (छप्पर) में घुसा। ग्रामीणों ने शोर मचाया तो वह वहां से निकलकर बकरियों के बाड़े की ओर भागा। इसी दौरान तीन ग्रामीण उसकी चपेट में आ गए। पैंथर ने झपट्टा मारते हुए शंकरराम और कुमाराम पुत्रगण राणाराम, निवासी रोडवा कला को घायल कर दिया। एक अन्य युवक राणाराम को भी मामूली खरोंचें आईं। तीनों घायलों को तुरंत मंडली स्थित राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया।
पैंथर हमले की सूचना मिलते ही मंडली पुलिस व वन विभाग की बालोतरा व सिवाना टीमें मौके पर पहुंचीं। लेकिन स्थानीय टीम के पास आवश्यक संसाधनों की कमी होने के कारण जोधपुर वन विभाग की रेस्क्यू टीम से संपर्क किया गया। रात करीब 11 बजे जोधपुर से विशेषज्ञ रेस्क्यू टीम पैंथर को पकड़ने के लिए रवाना हुई।
रिफाइनरी से रोडवा तक की रहस्यमयी मूवमेंट
उल्लेखनीय है कि यह वही पैंथर माना जा रहा है जो 25 मार्च को पचपदरा रिफाइनरी परिसर में घुस आया था। उस समय उसने दो लोगों पर हमला कर घायल कर दिया था और तीन दिन तक रिफाइनरी परिसर में छिपा रहा। पैंथर की मौजूदगी के कारण रिफाइनरी क्षेत्र में डर का माहौल बना रहा था। वन विभाग की टीमें करीब 15 दिन तक पिंजरे और ट्रैंक्विलाइज़र गन लेकर रिफाइनरी क्षेत्र में डटी रहीं, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
बाद में पैंथर अचानक लापता हो गया। कुछ दिनों पूर्व रेवाड़ा गांव में पगमार्क मिलने की सूचना मिली, लेकिन मौके का मुआयना करने पर वह भेड़िए के पगमार्क निकले। अब माना जा रहा है कि पैंथर नायगा की पहाड़ियों से होते हुए रोडवा कला की सरहद में आ गया है।
ग्रामीणों में भय का माहौल
प्रत्यक्षदर्शी गौतमचंद जीनगर ने बताया कि बस स्टैंड के सामने पैंथर को देखकर जब शोर मचाया गया, तो वह बकरियों के बाड़े की ओर भागा और उसी दौरान तीन ग्रामीण उसकी चपेट में आ गए। घटना के बाद से गांव में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
वन विभाग और प्रशासन से ग्रामीणों ने मांग की है कि पैंथर को जल्द से जल्द पकड़कर क्षेत्र से बाहर ले जाया जाए, ताकि गांव में शांति और सुरक्षा का माहौल बहाल हो सके।