बालोतर। झालावाड़ में शुक्रवार को हुए विद्यालय भवन हादसे के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर जिला कलक्टर श्री सुशील कुमार यादव ने बालोतरा जिले में स्थित सभी विद्यालयों, कक्षा कक्षों और अन्य सार्वजनिक भवनों का गहन सर्वे कर जर्जर इमारतों का पता लगाने और उनकी तुरंत मरम्मत करने के सख्त निर्देश दिए हैं। बच्चों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए, जिला कलक्टर श्री यादव ने किसी भी प्रकार की लापरवाही के प्रति कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये।
*वीसी के माध्यम से लिया फीडबैक, निचले स्तर तक निर्देश जारी
शनिवार को श्री यादव ने बालोतरा जिले के समस्त एसडीएम, बीडीओ, वीडीओ और शिक्षा विभाग के सीबीईओ तथा पीईईओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यक्तिगत बात कर जर्जर भवनों के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होने सभी उपखंड अधिकारियों, वीडीओ और पीईईओ को कार्यालयों के जर्जर भवनों की समीक्षा कर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
*फील्ड निरीक्षण और तत्काल कार्रवाई के आदेश

श्री यादव ने सार्वजनिक निर्माण विभाग, उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे फील्ड में जाकर स्वयं विद्यालय परिसरों की भौतिक स्थिति का अवलोकन करें। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जर्जर भवनों में न तो स्कूल का संचालन हो और न ही कार्यालय का संचालन किया जाए। ऐसे भवनों की तुरंत मरम्मत करवाई जाए या विद्यालयों तथा कार्यालयों का संचालन दूसरे सुरक्षित स्थानों पर किया जाए।
जिला कलक्टर श्री यादव ने सभी अधिकारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि सर्वेक्षण कार्य में कोई बाधा न आए। उन्होंने शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, राजस्व विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्मिकों को निर्देशित किया है कि वे आपस में समन्वय स्थापित करते हुए तकनीकी मापदंडों पर अपनी रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करें। जिला कलक्टर श्री यादव ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक विद्यालय की भवन स्थिति का वास्तविक एवं तकनीकी मूल्यांकन करने के निर्देश दिए हैं।
*जर्जर भवनों को वर्जित करें, वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें
श्री यादव ने सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि किसी विद्यालय के कक्षा कक्ष, शौचालय अथवा अन्य किसी भी भवन का भाग जर्जर, क्षतिग्रस्त अथवा खतरनाक अवस्था में पाया जाए तो उसे तुरंत प्रभाव से विद्यार्थियों एवं विद्यालय स्टाफ के उपयोग के लिए वर्जित कर दिया जाए। ऐसे जर्जर स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के लिए वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित कर उनके लिए अस्थायी कक्षाओं का संचालन सामुदायिक भवनों या अन्य सुरक्षित स्थानों पर किया जाए। उन्होंने इस कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर लेकर तत्काल प्रभाव से संपादित करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जाएगी।
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