बाड़मेर:
राजस्थान की तपती धरा, रेगिस्तान की चुप्पी और सीमित संसाधनों के बीच जब कोई युवा सपनों की उड़ान भरता है, तो वो केवल खुद नहीं उड़ता, बल्कि पूरे समाज को उड़ने की हिम्मत देता है। UPSC 2025 के परिणामों में थार नगरी बाड़मेर से चार युवाओं ने सफलता प्राप्त कर यह साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों और मेहनत निरंतर हो, तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं।
इस गौरवशाली सूची में सबसे पहला नाम है तन्मय मंसूरिया का, जिन्होंने ऑल इंडिया रैंक 832 हासिल कर जिले का नाम पूरे देश में रोशन किया है। तन्मय बाड़मेर राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया के पुत्र हैं। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे तन्मय ने अपने पहले प्रयास में ही इस कठिन परीक्षा को पार कर दिखाया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।

तन्मय ने कहा, “मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। अगर आप ईमानदारी से और लगातार प्रयास करते रहें, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।” उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को दिया, जिन्होंने हर मोड़ पर उनका साथ दिया।
तन्मय की इस सफलता से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा मोहल्ला और जिले के लोग उत्साहित हैं। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मिठाइयां बांटी जा रही हैं, ढोल-नगाड़ों की आवाज गूंज रही है और हर कोई इस युवा की उपलब्धि पर गर्व कर रहा है।
तन्मय के अलावा जिले के तीन अन्य होनहार युवाओं ने भी UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इन चारों युवाओं ने न केवल बाड़मेर का मान बढ़ाया है, बल्कि हजारों युवाओं को प्रेरणा भी दी है कि कोई भी पृष्ठभूमि हो, अगर लगन और लक्ष्य स्पष्ट हो तो UPSC जैसी कठिन परीक्षा को भी पार किया जा सकता है।
थार की रेत से निकले इन रत्नों ने यह साबित कर दिया है कि सपने सिर्फ बड़े शहरों के बच्चों के नहीं होते — छोटे शहरों के बच्चे भी बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा भी करते हैं।