जयपुर/बाड़मेर. वैश्विक अस्थिरता और क्रूड सप्लाई में विदेशी निर्भरता के बीच भारत में घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ाने की कोशिशें तेज हो गयी हैं। देश में एनर्जी सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने में राजस्थान के आयल फ़ील्ड्स बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। अगले सौ दिनों में थार के रेगिस्तान में चार से अधिक ग्लोबल कंपनियां ड्रिलिंग हुए एक्सप्लोरेशन यानी तेल कुओं की खुदाई के साथ तेल खोज के काम को आगे बढ़ाने के लिए यहाँ आएंगी।
बाड़मेर सांचोर बेसिन में तेल उत्पादन में जुटी वेदांता समूह की केयर्न ऑयल एंड गैस ने पारंपरिक और अपरंपरागत दोनों तरह के हाइड्रोकार्बन अन्वेषण के लिए बड़े पैमाने पर शुरू किया है। राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान की गई घोषणा पर आगे बढ़ते हुए, कंपनी ने ग्लोबल तेल एवं गैस उत्पादन तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए हैलिबर्टन, नैबर्स, बेकर ह्यूजेस और वेदरफोर्ड जैसी ग्लोबल कंपनियों, सर्विस और रिग प्रदाताओं को बड़े मूल्य के कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं। ये कंपनियां भारत के सबसे बड़े तटवर्ती फील्ड यानी बाड़मेर से उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकें और संसाधन लाएँगी।
राजस्थान के मंगला ऑयल फील्ड से उत्पादन 2009 में शुरू किया गया था और इसके बाद हाइड्रोकार्बन बेसिन से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास और निवेश जारी है लेकिन, ये पहली बार होगा की तीन साल में 200 से ज़्यादा कुओं की ड्रिलिंग के लिए एक साथ इतने ग्लोबल एक्सपर्ट जुटेंगे। अन्वेषण और उत्पादन को और आगे बढ़ाने के लिए, कंपनी ने राजस्थान में पार्कर वेलबोर (नाबर्स) से उन्नत 2000-हॉर्सपावर (एचपी) रिग सहित अत्याधुनिक ड्रिलिंग रिग तैनात किए हैं।

वैश्विक रिग प्रमुख नाबर्स के स्वामित्व वाले इस अंतर्राष्ट्रीय रिग को ड्रिलिंग शुरू करने के लिए बाड़मेर में तैनात किया गया है। केयर्न ने उच्च-तापमान और अति-उच्च-तापमान उपकरणों, रिगलेस आपूर्ति और प्रबंधित दाब ड्रिलिंग तथा फ्रैक्चर संबंधी सेवाओं सहित उपकरणों और कुओं की सेवाओं के लिए अग्रणी वैश्विक सेवा कंपनियों को अनुबंध भी प्रदान किए हैं।
जानकारी के मुताबिक कनाडा, रूस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के भूवैज्ञानिकों, ड्रिलिंग एवं पूर्णता विशेषज्ञों और जलाशय इंजीनियरों सहित लगभग दो दर्जन वैश्विक तकनीकी विशेषज्ञों को भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा। इनमें से कई विशेषज्ञ उच्च पूंजीगत व्यय वाले अन्वेषण और उत्पादन अभियान की रणनीति बनाने और उसे लागू करने के लिए बाड़मेर आ चुके हैं।
कंपनी बाड़मेर में एक विश्वस्तरीय आवासीय टाउनशिप विकसित कर रही है, ताकि विदेशी और भारतीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत आवास उपलब्ध कराया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें अच्छी तरह से सहायता मिले और वे कुशल उत्पादन में सहायता के लिए परिचालन के निकट रहें। वर्तमान में बाड़मेर के रूप में राजस्थान में लगभग 2.2 बिलियन बैरल समतुल्य हाइड्रोकार्बन उत्पादन की क्षमता है। उन्नत तकनीकों और विकास विधियों को अपनाकर, केयर्न का लक्ष्य परिपक्व तेल और गैस क्षेत्रों से उत्पादन बढ़ाना है।
***