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जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल परियोजना को मिली मंजूरी, तीन दशक बाद मिली बड़ी सौगात

Narpat Mali
4 Min Read

बाड़मेर/जैसलमेर।

पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के लिए बहुप्रतीक्षित जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर नई रेल लाइन परियोजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से लंबित इस सामरिक व विकासात्मक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट के लिए आखिरकार रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने इस रेल लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी कर दी है।

करीब तीन दशक से अटकी यह परियोजना पश्चिमी राजस्थान को गुजरात, दक्षिण भारत और देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों से जोड़ने वाली वैकल्पिक, तेज और छोटा मार्ग बनेगी।

सांसद उमेदाराम बेनीवाल की जोरदार पैरवी रंग लाई

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जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल परियोजना को मिली मंजूरी, तीन दशक बाद मिली बड़ी सौगात 3

इस रेल परियोजना को लेकर बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद उमेदाराम बेनीवाल लंबे समय से प्रयासरत थे। उन्होंने रेल मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर इस योजना के लिए गुहार लगाई थी। इसके अलावा, संसदीय स्थायी समिति की बैठकों में भी उन्होंने इस परियोजना की लगातार व प्रभावी पैरवी की थी।

अब रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 9.50 करोड़ रुपये की लागत से 380 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेल लाइन का अंतिम स्थान सर्वेक्षण एवं डीपीआर तैयार करने की स्वीकृति दे दी है। साथ ही जैसलमेर के सोनू से रामगढ़ तक 20 किलोमीटर की अतिरिक्त रेल कनेक्टिविटी के लिए भी 50 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

यह सर्वे कार्य उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा किया जाएगा। इस रेल लाइन पर 31 स्टेशन बनने की संभावना है।

रेल परियोजना के रणनीतिक और आर्थिक फायदे

इस परियोजना से न केवल जैसलमेर-बाड़मेर जैसे सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सीमावर्ती जिलों को जोड़ा जाएगा, बल्कि खनिज क्षेत्र सोनू और सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील रामगढ़ को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

साथ ही, गुजरात के बनासकांठा और भाभर जैसे औद्योगिक व कृषि क्षेत्र भी सीधे रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे।

यह परियोजना न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स और सैन्य आपूर्ति को तेज़ बनाएगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी नई गति देगी।

प्रस्तावित रेल लाइन के माध्यम से राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तानी क्षेत्र दिल्ली और मुंबई जैसे औद्योगिक केंद्रों से तो जुड़ेंगे ही, साथ ही अहमदाबाद के जरिए पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों तक भी सीधा संपर्क बनेगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी लोगों को भी बेहतर आवागमन सुविधा मिलेगी।

सांसद उमेदाराम बेनीवाल का बड़ा बयान

सांसद उमेदाराम बेनीवाल ने कहा

“यह ऐतिहासिक फैसला मेरे पूरे संसदीय क्षेत्र और समूचे पश्चिमी भारत के लिए एक बड़ी सौगात है। यह परियोजना सामरिक और विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी। इससे न केवल व्यापार, पर्यटन व सामाजिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों को भी सीमावर्ती इलाकों में तेज़ लॉजिस्टिक्स सपोर्ट मिलेगा।”

सांसद ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि आगामी केंद्रीय बजट में इस परियोजना की विधिवत घोषणा हो, ताकि इसका शीघ्र क्रियान्वयन शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए नया द्वार खोलेगी।

खास बातें (NEWS BULLET POINTS): 

रेल मंत्रालय ने 10 करोड़ रुपये से अंतिम सर्वे व डीपीआर को मंजूरी दी

380 KM लंबी प्रस्तावित रेल लाइन, 31 स्टेशन संभावित

सोनू से रामगढ़ तक 20 KM की अतिरिक्त कनेक्टिविटी शामिल

सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जैसलमेर-बाड़मेर-गुजरात को जोड़ेगी लाइन

सांसद उमेदाराम बेनीवाल की प्रभावी पैरवी से मिली स्वीकृति

सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ व्यापार, पर्यटन व सामाजिक-आर्थिक विकास को मिलेगा बल

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