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सांचौर:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जालोर जिले के सांचौर दौरे से ठीक पहले सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। जिले की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे तीन बुजुर्गों ने नाराजगी में नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल में छलांग लगा दी। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद एसडीआरएफ के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सांचौर के सीलू गांव में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत एक जनसभा और पूजा कार्यक्रम निर्धारित था। इसी कार्यक्रम से पहले संघर्ष समिति के सैकड़ों लोग पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलने और ज्ञापन देने के लिए सभा स्थल की ओर रवाना हुए। लेकिन प्रशासन ने उन्हें नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल पर रोक दिया।
प्रशासन की इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो उठे। इसी दौरान तीन बुजुर्ग नहर में कूद गए। उपस्थित एसडीआरएफ जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 10 से 15 मिनट के भीतर उन्हें नहर से बाहर निकाल लिया। राहत की बात रही कि इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शांतिपूर्वक प्रदर्शन को जबरन रोके जाने पर नाराजगी जताई। पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा, “हम केवल मुख्यमंत्री को सांचौर को जिला बनाए जाने की वर्षों पुरानी मांग का ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन हमें रास्ते में ही रोक दिया गया। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।”
घटना के बाद एडीएम दौलतराम चौधरी और एसपी ज्ञानचंद्र यादव मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर मामले को शांत करने की कोशिश की। हालांकि, प्रदर्शनकारी अभी भी सांचौर को जिला बनाए जाने की मांग पर अडिग हैं।
गौरतलब है कि सांचौर को जिला बनाए जाने की मांग पिछले कई वर्षों से उठती रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की तैयारी के तहत यह विरोध प्रदर्शन किया गया था।