बुधवार शाम जैसलमेर शहर में एक वृहद स्तर की मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की तैयारियों को परखना था। शाम ठीक 4 बजे सायरन बजते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया और पूरे शहर में एक क्षण को आपात स्थिति का आभास हुआ।
ड्रिल की परिकल्पना के अनुसार सोनार किले के पास स्थित शिव रोड पर एक होटल पर एयर स्ट्राइक हुई, जिससे होटल को गंभीर क्षति पहुंची। इस “हमले” में तीन लोगों की मौत और दो घायल होने की काल्पनिक स्थिति बनाई गई। सायरन बजते ही जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर परिषद, स्काउट-गाइड, नेहरू युवा केंद्र व अन्य विभागों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
https://www.instagram.com/reel/DJXMjTeTyVH/?igsh=Y2cybmxmYnVjZDczफायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया जबकि एम्बुलेंस सेवा ने घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर सुरक्षा सुनिश्चित की, वहीं एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने मलबा हटाकर फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला।
सामाजिक संगठनों की सराहनीय भूमिका
ड्रिल में स्काउट-गाइड, एनसीसी कैडेट्स, नेहरू युवा केंद्र और होमगार्ड के स्वयंसेवकों ने भी भागीदारी निभाई। उन्होंने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, भीड़ को नियंत्रित किया और आपात स्थिति में बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी।
कलेक्टर व अधिकारियों ने दी प्रतिक्रिया
जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया और इसे सफल बताया। उन्होंने कहा, “यह अभ्यास दिखाता है कि किस तरह हमारा प्रशासनिक तंत्र किसी भी आपदा या आतंकी हमले से निपटने के लिए तैयार है।”
एसडीआरएफ अधिकारियों ने भविष्य में भी ऐसे अभ्यासों की निरंतरता पर जोर दिया, जबकि पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया और सतर्कता की सराहना की।