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बाड़मेर: नाबालिग से गैंगरेप के बाद आत्महत्या की कोशिश, चार दिन बाद भी आरोपी फरार

Vikash Mali
4 Min Read

बाड़मेर, राजस्थान: बाड़मेर जिले के रामसर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। घर में अकेली बच्ची को तीन युवकों ने हवस का शिकार बनाया, जिसके बाद मानसिक रूप से टूट चुकी पीड़िता ने टांके में कूदकर आत्महत्या की कोशिश की। गनीमत रही कि परिजनों ने समय रहते उसे बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है और चार दिनों से उसका इलाज चल रहा है।

तीन युवकों पर गैंगरेप का आरोप

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामसर थाना क्षेत्र में यह जघन्य वारदात उस वक्त हुई जब पीड़िता घर में अकेली थी। आरोप है कि पारस, भंवराराम और कपिल नामक तीन युवकों ने घर में घुसकर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना के बाद नाबालिग ने आत्महत्या की कोशिश की, जिसे गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया।

चार दिन से पीड़िता अस्पताल में भर्ती, बयान में आरोपियों के नाम दर्ज

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता की हालत अब भी नाजुक है। इस बीच उसने होश में आने के बाद पुलिस को अपना बयान दिया, जिसमें तीनों आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज कराए गए हैं। बावजूद इसके पुलिस अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

पुलिस की निष्क्रियता से जनता में आक्रोश

घटना के चार दिन बाद भी गिरफ्तारी न होने से रामसर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती तो आरोपी अब तक सलाखों के पीछे होते। क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है और लोग सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं।

सामाजिक संगठनों और नेताओं की प्रतिक्रिया

घटना के विरोध में कई सामाजिक संगठन और स्थानीय नेता सामने आए हैं। उन्होंने पुलिस की निष्क्रियता की निंदा करते हुए दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है।

पुलिस का बयान और छापेमारी का दावा

रामसर थाना पुलिस का कहना है कि पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।” हालांकि चार दिन बीत जाने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस पर अविश्वास और गहरा गया है।

न्याय और सुरक्षा पर उठते सवाल

यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और सख्त सजा ही अपराधियों को रोक सकती है। पीड़िता के नाबालिग होने के चलते इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की संभावना है।

रामसर की इस घटना ने पूरे बाड़मेर जिले को झकझोर कर रख दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितना गंभीर रुख अपनाता है और पीड़िता को न्याय कब तक मिल पाता है।

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