जम्मू-कश्मीर की वादियों में फिर फैला आतंक का साया: पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमला, 27 की दर्दनाक मौत
श्रीनगर: एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की जन्नत सी वादियों को आतंकवाद ने लहूलुहान कर दिया है। दक्षिण कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए एक वीभत्स आतंकी हमले में 27 लोगों की जान चली गई है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की छद्म शाखा ‘द रेसिस्टेंट्स फ्रंट’ (TRF) ने ली है।
सेना ने ऑपरेशन चलाकर मिट्टी में मिलाया पहलगाम के 2 गुनहगारों का घर
आतंकी नेटवर्क के खिलाफ सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई की है. सुरक्षाबलों ने आतंकवादी आसिफ शेख और आदिल दोनों के घरों को विस्फोट से उड़ा दिया है. दोनों पहलगाम आतंकी हमले के आरोपी हैं. दोनों आतंकी लश्कर ए तैयबा से जुड़े हैं. सुरक्षाबलों ने यह कार्रवाई त्राल में की है. बीते 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले से जुड़े वीडियो में दोनों नजर आए हैं. इस जघन्य हमले के बाद से ही दोनों फरार हैं. आसिफ और आदिल सहित हमले में शामिल अन्य आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है.
घटनास्थल: बैसरन – ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ बना मौत का मैदान
बैसरन घाटी, जो पहलगाम से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनियाभर के पर्यटकों में प्रसिद्ध है। घने देवदार के जंगलों और बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित यह विशाल घास का मैदान आमतौर पर ट्रेकर्स और परिवारों की पिकनिक का पसंदीदा स्थल है। लेकिन रविवार को यह खूबसूरत वादी अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट और चीख-पुकार से गूंज उठी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर के समय घास के मैदान में जैसे ही भीड़ जमी थी, अचानक हथियारों से लैस 4-5 आतंकी जंगलों से निकलकर आए और पिकनिक मना रहे सैलानियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कुछ हमलावरों ने पास की दुकानों और स्थानीय विक्रेताओं को भी निशाना बनाया।
कसूरी – हमले का मास्टरमाइंड
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आतंकी हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, कसूरी न केवल हाफिज सईद का करीबी है, बल्कि भारत में हुए कई आतंकी हमलों में सक्रिय भूमिका निभा चुका है। उसे लग्जरी जीवन जीने का शौक है और वह अत्याधुनिक हथियारों से लैस अपने गार्ड्स के साथ चलता है।
सूत्रों का कहना है कि हमले से लगभग दो महीने पहले कसूरी को पाकिस्तान के पंजाब स्थित कंगनपुर क्षेत्र में देखा गया था, जहाँ पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन तैनात है। यहीं उसने हमले की योजना बनाई और आतंकियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिलवाया। यह भी सामने आया है कि कसूरी अक्सर पाकिस्तानी सेना के अफसरों को भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ भड़काने का काम करता है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने लिया सुरक्षा का जायजा
हमले की सूचना मिलते ही देशभर में आक्रोश फैल गया। सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं जम्मू-कश्मीर पहुंचे और हालात की समीक्षा की। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने उन्हें हमले की विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद गृह मंत्री ने सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और सख्त निर्देश दिए कि हमले के दोषियों को हर हाल में ढूंढ निकाला जाए।
जांच तेज, सर्च ऑपरेशन जारी
वर्तमान में सेना और सुरक्षा बलों ने बैसरन घाटी और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। जंगलों में ड्रोन्स और स्निफर डॉग्स की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है। घायलों को एयरलिफ्ट कर श्रीनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहाँ कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि “यह हमला न केवल निर्दोष नागरिकों पर, बल्कि मानवता पर हमला है। देश इन बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देगा।” वहीं संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने इस आतंकी घटना की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता जताई है।