राजस्थान के पश्चिमी छोर पर स्थित बालोतरा उपखंड का एक छोटा सा गांव, करमावास, आज देशभर में चर्चा का केंद्र बनता जा रहा है। कभी सामाजिक कलंक से जूझता यह गांव अब एक ऐसी मिसाल बन गया है, जहां परंपरा और नवाचार का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। यहां के किसानों ने यह साबित कर दिया है कि यदि सोच में बदलाव लाया जाए, तो रेगिस्तान की बंजर मानी जाने वाली भूमि भी सोने जैसी फसलें उगाने लगती है।