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13 दिन पहले ब्याह कर जैसलमेर में सिंध से आईं दो दुल्हनों को भारत सरकार के आदेश

Vikash Mali
3 Min Read
जैसलमेर में दो पाकिस्तानी बहुओं पर लौटने का संकट

पहलागाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश के चलते जैसलमेर के देवीकोट गांव की दो पाकिस्तानी बहुएं करम खातून और सचुल मुश्किल में आ गई हैं। दोनों महिलाएं महज 13 दिन पहले अपने ससुराल पहुंची थीं और अब उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने का नोटिस मिला है।

दो साल पहले हुआ था निकाह

देवीकोट निवासी सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली 2023 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे। वहीं करम खातून (21) और सचुल (22) से परिचय हुआ और अगस्त 2023 में निकाह कर लिया गया।
निकाह के बाद वीजा समस्याओं के चलते दोनों दुल्हनें पाकिस्तान में ही रहीं। लंबी प्रतीक्षा के बाद 13 अप्रैल 2025 को उन्हें भारत का वीजा मिला और वे जैसलमेर पहुंचीं। लेकिन, दस दिन बाद भारत में आतंकी घटना होने के बाद समीकरण बदल गए।

सरकारी आदेश के बाद बढ़ी चिंता

22 अप्रैल को पहलागाम में आतंकी हमला होने के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कई द्विपक्षीय प्रक्रियाओं पर रोक लगाते हुए देश में मौजूद पाक नागरिकों को वापस भेजने का निर्णय लिया।
हालांकि जिन पाक नागरिकों के पास लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) है या जिनका आवेदन लंबित है, उन्हें कुछ राहत दी गई है। दोनों दुल्हनों के लिए LTV आवेदन किया जा चुका है, लेकिन स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है।

परिवार की अपील: मानवीय आधार पर मिले राहत

करम खातून के ससुर हाजी अब्दुल्ला ने कहा कि करम के माता-पिता पाकिस्तान में नहीं हैं। मां का देहांत हो चुका है और पिता अरब में मजदूरी करते हैं। ऐसे में करम को पाकिस्तान भेजना संभव नहीं है। उन्होंने सरकार से मानवीय आधार पर रियायत देने की अपील की है।

परिवार का कहना है कि दुल्हनों के वापस पाकिस्तान जाने से पूरा घर उजड़ जाएगा। वहीं दूल्हे मुश्ताक अली की हालत खबर सुनने के बाद बिगड़ गई है और वह जोधपुर के अस्पताल में इलाजरत हैं।

विदेशी पंजीयन अधिकारी ने दी जानकारी

जैसलमेर के विदेशी पंजीयन अधिकारी विक्रम सिंह भाटी ने बताया कि सरकारी आदेशों के पालन में अब तक चार पाकिस्तानी नागरिकों ने अटारी बॉर्डर से वतन लौटने के लिए अनुमति प्राप्त कर ली है।
27 अप्रैल तक सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के निर्देश हैं, जिनके वीजा की स्थिति स्पष्ट नहीं है।

नजरें अब सरकार के फैसले पर

देवीकोट गांव समेत पूरे जैसलमेर में चर्चा का विषय यही है कि क्या भारत सरकार इन दोनों बहुओं के लिए कोई विशेष निर्णय लेगी या नहीं। फिलहाल परिवार सरकार से एक बार फिर मानवीय आधार पर विचार करने की अपील कर रहा है।

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