राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी सूर्यनगरी जोधपुर खानपान के लिए अपनी पहचान रखता है. अगर यहां केर जिस तरीके से बिकना शुरू होते हैं, उसकी बिक्री ऐसी होती है कि देश विदेश में बैठे लोग भी यहां से मंगवाते हैं. जोधपुर की सड़कों पर इन दिनों केर काफी बड़ी संख्या में नजर आने लगे हैं. जोधपुर के अलग-अलग स्थानों पर ठेला चालक इसको बेचते हैं. ये सब्जी सबसे महंगी होती है. इस राजस्थान का सूखा मेवा भी कहा जाता है. लोग इन ठेला चालकों से रुक-रुक कर इन सब्जी को खरीदकर ले जाते हैं.
ये सब्जी और इसका अचार 12 महीने खराब नहीं होता है. सबसे खास बात है कि इसको विदेशी पर्यटक भी पसंद करते हैं. केर का अचार लोगों को खूब भाता है. मुंह में चटखारे लेकर लोग उसको खाते हैं और यह सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है. ये गर्मी के मौसम में ठंडक प्रदान करने का काम करता है